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Late Fees and Interest on GST Return

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  Late Fees and Interest on GST Return Updated on Jan 22, 2018 - 10:58:34 AM When a Registered Dealer misses filing GST Returns within due date  a late fees is levied by the government. GSTR-1 due date for the months of July to Nov 2017 (monthly) and July to Sept 2017 (quarterly) was 10th Jan 2018. If GSTR-1 is not filed within due date you will be liable to pay late fees of Rs. 200 per day of delay. Also, non-payment or late payment of GST attracts Interest. Late Fees on GST Returns When a GST Return is filed after due date a late fees is applicable. The government has reduced the late fees for GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-4, GSTR-5, GSTR-5A and GSTR-6 as follows ( until further notifications late fees will remain the same): The maximum late fees that can be charged is Rs 5,000. For example, a Taxpayer has filed GSTR-3B for the month of December 2017 (due date 20th Jan 2018) on 23rd January 2018. The amount of late fees to be paid: Rs. 50 per day * 3

UNDERSTAND GST RETURNS

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GST Returns: Types, Forms & Due Dates of GST Returns 2017 Types of GST Returns: S.No Return Particulars 1. GSTR-1 Details of outward supplies of taxable goods or services or both effected 2. GSTR-2 Details of inward supplies of taxable goods or services or both claiming input tax credit 3 GSTR-3 Monthly return on the basis of finalization of details of outward supplies and inward supplies along with the payment of amount of tax 4 GSTR-4 Quarterly Return for compounding taxable persons 5 GSTR-5 Return for Non-Resident foreign taxable persons 6 GSTR-6 Input Service Distributor return 7 GSTR-7 Return for authorities deducting tax at source 8 GSTR-8 D

एक फरवरी से लागू हुए ई-वे बिल का पहले दिन ही हुआ बुरा हाल

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जीएसटी प्रणाली में एक फरवरी 2018 से देशभर में लागू ई-वे बिल सिस्टम का पहले ही दिन बुरा हाल हो गया। बिल जनरेट करने के लिए ओवरलोड के चलते वेबसाइट क्रैश हो गई। इस कारण दोपहर बाद व्यापारी माल ट्रांसपोर्ट करने के लिए ऑनलाइन बिल नहीं बना पाए। वेबसाइट काम न करने पर राज्य कर विभाग ने व्यापारियों को राहत दी है। विभाग की ओर से 10 दिन के लिए राज्य के भीतर ई-वे बिल में छूट देने की अधिसूचना जारी की गई। वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली में एक फरवरी से उत्तराखंड समेत सभी राज्यों में ई-वे बिल लागू किया गया। ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल पर बिल जनरेट करने के लिए लोड बढ़ने से दोपहर दो बजे ई-वे बिल की वेबसाइट क्रैश हो गई। इस वजह से व्यापारियों को बिल बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। व्यापारियों की दिक्कतों को देखते हुए राज्य कर विभाग ने उत्तराखंड के भीतर ही माल को ट्रांसपोर्ट करने को ई-वे बिल में 10 दिनों की मोहलत दी है। आयुक्त राज्य कर सौजन्या की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक राज्य के अंदर किसी भी स्थान पर माल ट्रांसपोर्ट करने के लिए 10 दिन तक ई-वे बिल की अनिवार्यता नहीं रहेगी। ई

4% Education Cess will Impact Your Income Tax Post Budget 2018

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How 4% Education Cess will Impact Your Income Tax Post Budget 201 8 Considering a 1% hike in education cess that is levied on the payable Income Tax on all tax payer categories, this is how it's going to impact common man (less than 60 years old): Income Tax Slab Income Tax Rate & 4% Cess Rs 2,50,001 - Rs 5,00,000 5% of Total Income above Rs 2.5Lakh + 4% Cess Rs 5,00,001 - Rs 10,00,000 Rs 12,500 + 20% of Total Income above Rs 5Lakh + 4% Cess Rs 10,00,000< Rs 1,12,500 + 30% of Total Income above Rs 10Lakh + 4% Cess Let's assume your net taxable income is Rs 5 Lakh, then your tax liability will stand at Rs 13,000 and the increase in your income tax post budget 2018 is a measly Rs 125. However, it increases as you move up in the Income Tax Slabs. For example, assuming your net taxable income at Rs 10 Lakh, your tax liability will be Rs 1,17,000 including Rs 1,125 increase due to increased education cess. Moving up to the next slab, let’s

बजट पेश करने से पहले संसद पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली

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बजट पेश करने से पहले संसद पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली नई दिल्ली.  वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने मिडिल क्‍लास और सैलरी क्‍लास को इनकम टैक्‍स के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी है। बजट में इनकम टैक्‍स रेट और इनकम टैक्‍स स्‍लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि वित्‍त मंत्री ने सीनियर सिटीजंस को इनकम टैक्‍स के मोर्च पर कई तरह की सहूलियत दी है। इनकम टैक्‍स रेट में कोई बदलाव नहीं  वित्‍त मंत्री ने आम बजट 2018 में इनकम टैक्‍स रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि टैक्‍सपेयर्स के लिए बजट 2017 का  टैक्‍स स्‍लैब ही प्रभावी होगा। 2018-19 के लिए टैक्‍स स्‍लैब  इनकम स्‍लैब टैक्स रेट  2.5 लाख रुपए तक  0  2.5 से ज्यादा- 5 लाख तक   5 %  5 लाख से ज्यादा-10 लाख  20 % 10 लाख से अधिक  30 %     सीनियर सिटीजंस को 50,000 रुपए  तक की इंटरेस्‍ट इनकम पर टैक्‍स छूट  वित्‍त